Friday, February 15, 2019

वो बांह मुझे बुलाती है

अपनी ताकतवर बांह से
उठा कर अपनी दूध मुंही को
माथे पर घनि मूंछों से ढकें
अपने होंठों उसके माथे पर
हल्का सा चुम्बन लिया
सोचा अगली छुट्टियों में
आराम से आऊंगा
जी भर कर बेटी के साथ
खेलूंगा
अभी जाना सदूर सरहद पर
जन्नत पर
अपनी पत्नी को जाते समय
प्यार से वो बोला
ख्याल रखना गुड़िया का मेरी
और उसी बांह से भरा उसको
उसी से चरण स्पर्श किये
वृद्ध माँ बाप
लेके उसी बांह में 47
चला वो सदूर कश्मीर
आज वो बांह पड़ी सड़क पर
बुलाती उसको उसकी बिटिया
बुलाती उसको उसकी पत्नी
उसके मां बाप
उसके बहन की राखी
वो बांह भारत की
जो तुम भूल जाओ तो
तुमसे बेगैरत कौम न होगी
सोते जागते
याद रखना
वो बांह खून से लिपिटी पड़ी सड़क और
बुलाती तुमको
पुकारती तुमको
कह अभिषेक
देखी जब यह तश्वीर
मन न कोई लगता
आंखों के सम्मुख रह रह
कोई आ जाता है
वो बांह मुझको बुलाती
वो बांह तुझको बुलाती
वो बांह हमको बुलाती
..................
😔