Wednesday, July 18, 2018

कलाम साहब

भारतीय परंपरा में अनेकों महान पुरुष हुए हैं अपने कृतित्व और व्यक्तित्व से राष्ट्र को महान बनाने में अदभुत योगदान दिया। प्राचीन काल में इस प्रकार का मानव हित का चिंतन करने वाले ऋषि कहे जाते थे और जो समाज की रक्षा और हित चिंतन करते उनको देव कहते थे और कोई कोई ऐसे विरले होते जो समय की धारा को पलटकर मानवता की उन्नति में मील का पत्थर बनते अवतार कहे जाते थे एक आम हिंदू मन मनुष्य को सामान्य व्यक्ति की श्रेणी से उठाकर ईश्वर के समक्ष ले जाने में भी संकोच नहीं करता है। हिंदू धर्म शास्त्र प्रत्येक व्यक्ति के अंदर ईश्वर की अभिव्यक्ति मानते हैं किसी भी व्यक्ति को उसके कर्तव्य कर्म के द्वारा ईश्वर तक ले जाने को भारतीय परंपरा में अनुचित नहीं माना गया है।

अगर अगर हम प्रश्न पूछे आधुनिक समय में सबसे ज्यादा स्वीकार्य कौन से महापुरुष है तो हमारे दिमाग में तुरंत ही स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी का नाम आ जाएगा अगर हम इस प्रश्न को थोड़ा और जटिल बनाते हुए पूछें कि आजाद भारत में सबसे ज्यादा स्नेह चाहने वाले कौन व्यक्ति हुए हैं हो सकता है थोड़ी देर के लिए हमको सोचना पड़े लेकिन अधिकांश भारतीयों के लिए वह नाम जो होगा वह एपीजे अब्दुल कलाम भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महानतम वैज्ञानिक।

भारतीय भारतीय लोग किसी भी विषय का गहन चिंतन कर आविष्कार करने वाले को ऋषि कहते थे आधुनिक भारत के ऋषि मुनि हमारे यह महान वैज्ञानिक है जिन्होंने भारत को उन्नत बनाने में अपना अमूल्य योगदान दिया है जिनके कारण भारत आज तरक्की की राह पर है उस परंपरा के वाहक है कलाम साहब ।वह जनता के राष्ट्रपति थे सारी उम्र वह एक शिक्षक और विद्यार्थी बन कर रहे भारत के लोगों को विज्ञान के विषय में अधिक से अधिक रुचि उत्पन्न कर आगे बढ़ने को वह हमेशा प्रेरित करते रहे और रहेंगे। स्वामी जी विवेक विवेकानंद की ही तरह उनका विश्वास युवाओं और युवाओं के सपनों में था वह कहते थे ग्रामीण स्तर तक विज्ञान और आधुनिक ज्ञान का प्रकाश पहुंचे।

कलाम कलाम साहब भारत की सामाजिक सहिष्णुता और सौहार्द के जीते जागते प्रतीक हैं वह ना केवल एक वैज्ञानिक है बल्कि एक महान दार्शनिक भी थे जो एक साथ विज्ञान और धर्म के बुनियादी चिंतन को लेकर चलता है इसके लिए धर्म कोई बाहरी आडंबर नहीं है बल्कि मूलभूत सिद्धांत है। हमेशा से ही भारत में सभी मार्गों को ईश्वर का ही मार्ग कहे जाने की परंपरा रही है कलाम साहब उसी मार्ग के अनुगामी है।

इसीलिए इसीलिए एक सामान्य हिंदू मन में उनको ऋषि तुल्य मानकर उनका मंदिर जो बनाया दो क्रिकेटर मोहम्मद कैफ भी तारीफ करने से अपने आप को रोक नहीं पाए यही भारत की विशेषता है यही भारत का सम्मान है।

Tuesday, July 17, 2018

अग्नि परीक्षा

सुनो जानकी!!बूझो एक कहानी क्या तुम रोषित हो अपमानित हो लेकर #अग्निपरीक्षा की रवानी??
गम्भीर हो कर पूछा
अगस्त पत्नी ने,
बताओ व्यथा तुम्हारी क्या तुम्हारे मन में
सुनकर जरा सी चोंकी जानकी
कुछ मचलाई सी
तत्प् ताम्र मुख से बोली हर्षाई सी
क्षमा करना भगवती
माता हो आप हमारी
कुछ कटु बोल  जाऊ तो
राम मेरे ईश्वर है,
राम मेरे जगदीश है,
श्रद्धा है विश्वास है,
मेरे जीवन की धड़कन
मेरे रोम रोम की आश है
नही ली मेरी कभी परीक्षा,
न कोई अपमान किया,
मेरे खातिर बहाया लहू,
अपना श्रम साध्य किया
अग्नि है मुर्ख स्त्रियों पुरुषो की वाणी
अग्नि है राम द्रोही की निशानी
मैं राम की ह्र्दयगामिनि
कोई पापी दुरात्मा होगा
जो करेगा राम से द्रोह,
रावण मेरे तेज को,
सहन नही कर सकता था,
मित्र मन्दोदरि सारा तारा त्रिजटा के आदेश को रोक नही सकता था
नाना सुमाली के संदेशो को लांघ कैसे वो आ सकता था
मूर्खो की ही है वाणी जो रावण का गुणगान करती हो कलियुग में आएगा समय ऐसा
यवनो के प्रवाह में उन्मुक्त
जीवन की चाह में नर नारी होंगे बर्बाद
उनको सीताराम का आदर्श ही बचाएगा
रहेगा हरदम साथ
जो उनमें से प्रभावित होंगे
वो सीताराम का अपमान करेंगे
नित नए निर्लज्ज आरोप से
चरित्र अपना खराब करेंगे
सबसे बड़ा है माते रामसीता का प्रेम
मेरे वो मैं उनकी
बाकी कौन होते है पूछने वाले??
राम ने मुझे हमेशा बराबर माना दिया
धनुष कटी पर खड्ग बाँधा सुनो देवी!!
मैं रण का सञ्चालन करती थी
घायल पीड़ित सेना का चिकित्सा मैं करती थी
हम तीनो ने मिलकर दंडकारण्य राक्षस शून्य किया ऋषि जीवन को निरापद किया माते
जो भी सीताराम द्रोही हो तुम करना उनका निषेध
असज्जन पापी और भर्मित जीव ही राम द्रोह पाते है
पर वो पिता समान सबको क्षमा करते जाते है
क्षमा करते जाते है।-

Saturday, July 14, 2018

भारतीय राष्ट्रवाद और हिमा दास

राष्ट्र गान के समय हिमा दास के आंखों के दो बूंद आंसू राष्ट्रवाद के अनेकों लेखों से भी ज्यादा अच्छे तरीके से राष्ट्र उसके चिंतन को व्यक्त कर देते है अत्यंत अभावों से उठ कर सफलता का सूर्य देखने वाले कभी अभाव का रोना नही रोते।आधुनिक भारतीय राष्ट्रवाद की प्रतीक बन गई है हिमा दास।आज की तारीख में सबसे ज्यादा शेयर किया जाने वाला वीडियो और चित्र है ये।खेल भारत को जोड़ता है खेल में वो ऊर्जा होती है जो युवाओं में जोश भर देती है खेलो में भी एथेलीट का बहुत महत्व होता है 100 मीटर और 200 मीटर की रेस जीतने वाला सबसे बड़ा हीरो समझा जाता है बाकी की रेस का भी बहुत महत्व है।जब ओलंपिक देखता हूँ छोटे छोटे देशों से अदभुत एथलीट निकलते है अपने देश को लेकर विषाद होता है उस नैराश्य को पिछले कुछ सालों में अनेको ने दूर किया है और हिमा ने अपना दमखम बता दिया है जो भी कभी खिलाड़ी रहा है उसको पता है आधा सेकंड भी कम करना बहुत मुश्किल होता है।वर्षो की हाड़ तोड़ मेहनत करनी पड़ती है मिलता कुछ नहीं है।भारत के प्रधानमंत्री जी ने सही किया जो हिमा का वीडियो शेयर किया।इस प्रकार की सब प्रतिभाओं को सम्मान किया जाना बहुत आवश्यक है।